MS Access Microsoft Office
Introduction(परिचय)
MS Access Microsoft Office का Relation Data Base Page है। इसमें सारणियों के रूप मे डाटा एकत्र किया जाता हैं। इस डाटा को आप स्क्रीन पर देख सकते हैं। किसी क्रम में छांट सकते हैं। तथा प्रिंट कर सकते हैं। डाटा को भरने के लिए आपको स्क्रीन पर तथा पेपर भी छपे हुए फॉर्म तैयार किए जा सकते हैं। भरे हुए डेटा से आप Query दवारा दिये हुए आधार पर सूचना प्राप्त कर सकते हैं। डाटा के आधार पर विभिन्न उपयोगों के लिये Report, Chart आदि भी तैयार किये जा सकते हैं। आप एक ही डेटा बेस में अनेक सारणियाँ बना सकते हैं। और उन्हें एक दुसरे से इस तरह व्यवस्थित कर सकते हैं। कि आवश्यकता होने पर कई टेबल से सूचना चुनकर उन्हें एक साथ लाया जा सकता है। और उनसे वांछित रिपोर्ट निकाली जा सकती है। इनके अलावा बहुत सी सुविधाएँ MS Access में उपलब्ध है। जिनका अध्यन आप करेंगे।
डाटा बेस का हमारे दैनिक जीवन मे बहुत उपयोग है। चाहे वह व्यक्ति हो या व्यापारी उदाहरण के तौर पर किसी मित्र का पता या Phone No देखने के लिए एड्रेस की डायरी का उपयोग करते हैं। जिसमे सबके नाम पते वर्ण माला के रुप मे लिखे रहते हैं। पतों की डायरी एक डाटा बेस ही है। MS Access की सहायता से आप डाटा बेस कंप्यूटर मे सरलता से बना सकते हैं। और उनको उपयोग कर सकते हैं। व्यापारिक कंपनी का बहुत सारा काम data base द्वारा सरलता से किया जा सकता है। जैसे ग्राहकों और सप्लायर की सुचनाये लेनदेन का हीसाब सामान कि इन्वेंटरी तथा स्टॉक का रख रखाव खर्चों का हिसाब बिलो का हिसाब आदि।
इस भाग से हम डेटाबेस का निर्माण करने और उसका उपयोग करने की विधियों
के बारे मे बताया गया है।
इस भाग से हम डेटाबेस का निर्माण करने और उसका उपयोग करने की विधियों
के बारे मे बताया गया है।
Access मे कार्य करना
Access को install करने के लिये आपको किसी खास प्रायोजन की ज़रुरत नहीं है। जब आप Microsoft office के संस्करण को आपने computer मे insatal कर रहे हों। तो वहां पर कॉम्पोनेन्ट का चुनाव करते समय एक्सेस को अवश्य चुन लें। वैसे default setting के रूप मे access हमेशा select रहता है। इससे office के installation के साथ ही साथ access का installation भि आपके computer मे हो जायेगा।
Access के Data Type
जब access डाटा टाइप file अर्थात table का निर्माण किया जाता है। तो यह software आपको इस table मे कई प्रकार के data type प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करता है। यह data type निम्न हैं।
Text Data Type
access मे आप table के किसी field को text type निर्धारित करते हैं। तो इस में आप शब्दों और अंकों दोनो को प्रयोग कर सकते हैं। इस field को गणना के लिये प्रयोग नहीं किय जा सकता है। इस field की अधिकतम चौड़ाई 255 अक्षरों की हो सकती है।
Memo Data Type
इस तरह की field मे आप बडी मात्र मे text और नम्बरो को store किया जा सक्ता है। इसे भी गणना के लिये प्रयोग नहीं किया ज सकता है। इसमें 65535 अक्षरों को store कर सकते हैं।
Type
इस फील्ड को गणना करने के लिए प्रयोग करते हैं। और इसमें अंकों को लिख जा सकता है। इस फील्ड की अधिकतम चौड़ाई 8 byte होती है।
Date/Time
टेबल के इस field की अधिकतम चौड़ाई 8 byte होती है। इसमें समय और तारीख को 100 वर्षों से लेकर 9999 तक स्टोर किया जा सकता है।
Currency Data Type
इस तरह के data type मे न्यूमेरिक data store किया जाता है। और इसका प्रयोग गणनाओं मे करते हैं। इसके साथ 1 से लेकर 4 स्थानो तक दशमलव को भी प्रयोग कर सकते हैं।
AutoNumber
सामान्य स्तिथि मे इस तरह के फील्ड का आकार 4 byte होता है। इसके द्वारा सिक्वेन्सिअल या random number को 1 अंक की बढ़ौतरी के साथ प्रयोग किया जाता है। यह field update नहीं किया जा सकता है।
Yes/No
यह फील्ड 1 bit का होता है। और इसे लॉजिकल कार्यों के लिये प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा on/off, true/false, और yes/no स्थिति का प्रयोग किया जाता है।
OLE Object
इस तरह के field मे 1 गीगाबाइट तक के object को store कर सकते हैं। इसमें excel में बणी worksheet, वर्ड मे बानी document file, image file, binary data और sound की file को store करके access table मे इस्तेमाल कर सकते हैं।
Hyperlink
इस तरह की field मे internet के लिये प्रयोग किये जाने वाले hyperlink पते को store करते हैं। इसमें 6144 अक्षरों तक का पता लिखा जा सकता है।
New data base file बनाना
नया काम प्रारम्भ करने के लिये आप इसके फाइल menu को खोलें। file menu खुलकर इस तरह से स्क्रीन पर आ जायेगा। इसमें आपको new command मिलेगा। उस पर क्लिक करें। click करते ही स्क्रीन पर नये कार्य को प्रारम्भ कर सकते है। इसके अलावा आप देखेंगे कि access me दायीं तरफ जो कार्य पट्टी जोडी गयी है। इसमें सबसे पहले open a file नामक भाग होत है। और दुसरे नंबर पर न्यू भाग होत है।
Types of query
MS Access में क्वेरी 6 type की होती है ,इन्हें हम तीन केटेगरी में बांट सकते है –
* Select query
* Action query
* Cross tab query
Select query-:Datasheet के रूप में subsets को produce करती है.ये datasheets updatable हो सकते है या नही भी हो सकते ,यह विभिन्न फैक्टर्स पर निर्भर करता है
Action query-: एक ऑपरेशन में records के set को change करती है , action query चार प्रकार की होती है
* Make table query
* Update query
* Append query
* Delete query
Make table एक या एक से अधिक टेबल में से एक नई टेबल बनाती है update table under lying table में फील्ड डाटा में change करती है.Append queries एक टेबल में से रिकॉर्ड को दूसरी टेबल में कॉपी करते है तथा delete query criteria पर आधारित table में से रिकार्ड्स को delete करती है
Select query:-
कौन सी क्वेरी का प्रयोग करना चाहिए,यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या करना चाहते है ? सेलेक्ट क्वेरी स्वयं टेबल डाटा को नही बदलती,यह केवल subset data को देखना तथा एडिट को allow करती है.यह सबसे ज्यादा common type query है.sql में select query एक select statement के रूप में प्रयोग की जाती है,select query को run करने के निम्न लिखित स्टेप्स होते है –
step 1- Database को open करते है,database window open हो जाती है इसके पश्चात क्वेरी बटन पर क्लिक करते है ,क्वेरी की लिस्ट प्रदर्शित होती है।
step 2-New button पर click करते है new query dialog box खुल जाता है ।
step 3 –Design option को select करते है तथा ok पर click करते है show table dialog box खुल जाता है ।
step 4- यदि आवश्यक है तो टेबल tab को select करते है , losses table पर क्लिक करते है,show table को close करने के लिये close buttonपरclick करते है तथा losses table प्रदर्शित होती है।
step 5-Losses table title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है।
step 6- selected field पर click करते है -hold रखकर drag करते है,तो सभी field query grid में पहुच जाते है।
step 7 – Criteria में condition लिखते है sql view में query को examine करने के लिए view पर click करते है तथा sql view को चुनते है।
Make table query:-Make table query केवल access query type है जो actually में एक से दूसरी टेबल को create करती है resulting table सामान्यतः source table से छोटी होती है ,एक छोटी टेबल एक faster table भी होती है table query को बनाने के लिये निम्न लिखित steps होते है –
* Database window में query पर click करते है।
* Design view create query पर double click करते है फिर show table में table1 पर click करते है और show tables dialog box को बंद कर देते है।
* Table1 की title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है।
* Selected fields को click करके hold तथा drag करते है।
* Criteria row में desired field में कंडीशन टाइप करते है।
* Sort row में sort method select करते है।
* Query type button के drop down box पर click करते है तथा make table query option को चुनते है,इसके पश्चातmake table dialog box open हो जाता है।
Run the query .
Append query -: एक append query एक table से दूसरे table में records को copy करते तथा last recordके पश्चात append करते है
Append Query के निम्नलिखित स्टेप्स होते है-
* Database window table1 को click करते है ,तथा copy option को choose करते है ।
* Paste button पर click करते तथा paste optionमें से structure only under paste option को चुनते है ।
* Table का नाम लिखते है तथा ok button पर click करते है,table 2 नाम लिखते है ।
* Queries button पर click करते है ।
* Design view में create query पर double click करते है,show table dialog box open होता है ,इसमें table 1 पर double click करके show table dialog box को close कर देते है ।
* Table 1 के title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है ।
* Query grid में selected field को click,hold तथा drag करते है ।
* Query type button के dropdown box पर click करते है तथा append query type को choose करते है और ok button पर click करते है ।
* Query को run करते है ।
* Delete query-: Delete query criteria परआधारित table में से records को remove करती है delete query के निम्न लिखित steps है –
* Query type button में dropdown box पर click करते है ।
* Delete query के type को change करते है ।
* Query को run करते है ।
Update query-: Existing underlying table data में वास्तविक बदलाव के लिये update query का प्रयोग करते है । update query के निम्नलिखित steps होते है –
Table 1 की copy करते है जैसा कि append example में किया है ।
What is query
एक डेटाबेस के अन्दर एक से अधिक टेबल्स होती है .इन टेबल्स के मध्य रिलेशनशिप create करके सूचना को प्राप्त किया जा सकता है टेबल के अन्दर कुछ सूचनाये इस तरह की भी होती है जिनकी आवश्यकता हमे बार -बार होती है,इसके लिए हमे उस टेबल को बार -बार प्रयोग करना होता है. MS Access में किसी टाइप के अन्दर से सिलेक्टेड फ़ील्ड्स की सूचना को हम अलग एक टेबल के रूप में रख सकते है तथा जब भी हमे उस सूचना की आवश्यकता होती है हम उस अलग से टेबल के रूप में रखी गई इनफार्मेशन का प्रयोग कर सकते है MS Access में यह queries के द्वारा implement किया जाता है .
MS Access queries वह facility है जिसके माध्यम से हम एक से ज्यादा query table बना सकते है ये query table existing table में से ही बनाई जाती है
Example:-Employee table के अन्दर employees की पूरी सूचना Emp-id,Name ,Age ,Post ,Salary,Department इत्यादि फ़ील्ड्स के रूप में होती है .हमे Emp-id,Name तथा address की आवश्यकता बार -बार होती है ,तो हम इस टेबल में से इन फ़ील्ड्स को उठा कर एक query create कर लेते है तथा इसे सेव कर लेते है ,अब कभी भी हमें Emp-id,Name तथा address को देखना है तो इस क्वेरी में से देख सकते है इसके लिए टेबल का प्रयोग करने की आवश्यकता नही है .
How to create relationship
Create Relationship
* सर्वप्रथम दो टेबिल बनाते है। जिसमे एक काॅमन फील्ड हेाता है। जिसके नाम एवं डाटा टाईप एक समान होना चाहिये।
* इन फील्डस की index property on होना चाहिये।
* Primary key define होना चाहिये।
* इसके बाद टूल मीनू के relationships option पर क्लिक करने पर relationship नाम की विंडो आती है इसमे दोनो टेबिल को जोडते है। जिसके बाद relationship menu add हो जाता है।
* Relationship menu के आॅपशन edit relationship पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है।
इसके create new button पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है। इसमे टेबिल को सिलेक्ट करते है। इसके बाद Ok button पर क्लिक करने पर रिलेशन स्थापित हो जाता है।
Join type button पर click करके join type बदला जा सकता है। इसमे तीन आॅपशन आते है। जिसमे से एक आॅपशन को चुनते है।
Ctrl + s से रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है। या फाईल मीनू के आॅपशन सेव पर क्लिक करके रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है।
Delete Relationship
रिलेशनशिप पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट कर सकते है।
Edit menu→delete button पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट किया जा सकता है।
Benefits of relationships-
Benefits of relationships-
यह डाटा को (integrity) विश्वासनीयता प्रदान करती है। यह इसका सबसे बडा लाभ है।
इसमे डाटा की सुरक्षा रहती है।
इसमे डाटा की सुरक्षा रहती है।
Record duplication का डर नही रहता है।
ऽ इससे मेमोरी की बचत होती है।
ऽ रिकार्ड को delete और update किया जा सकता है।
ऽ इससे मल्टीटेबिल रिर्पाेट और फाॅर्म का डिजाइन किया जा सकता है। एवं उसमे विभिन्न प्रकार के आॅपरेशन किये जा सकते है।
Relationship
Introduction to Relationships
Relationships मे दो टेबिल को आपस मे जोडा जाता है। इसके लिये दोनो टेबिल मे एक काॅमन फील्ड होना चाहिये। जिनमे दोनो का नाम एवं डाटा टाईप एक समान होना जरूरी है। टेबिल मे Relation बनाने के बाद यूजर फाॅर्म एवं रिपोर्ट में multiple table का प्रयोग करके रिर्पोट एवं फाॅर्म को डिजाइन कर सकता है।
Relationships creation रिलेशनशिप बनाना
1.At table level in the relationship window(मीनू की सहायता से रिलेशन बनाना )
2.At the query level, while creating queries to display inform to(क्वेरी की सहायता से रिलेशन बनाना)
Types of relationships:-Relationship चार प्रकार की होती है
1.One to one relationship:-प्रत्येक टेबिल को एक एंटिटी के रूप मे निरूपित करते है इसलिए इसे entity set कहते है। entity को square box मे प्रदर्शित करते है। जब दो entities के मध्य रिलेशनशिप स्थापित करते है। तब इसे entity relationship कहते है। one to one relationship केवल दो entities के मध्य का एसोेसिएशन है। जैसे एक महाविद्यालय मे प्रत्येक विभाग मे एक HOD होता है। तथा एक HOD एक से अधिक विभाग का HOD नही हो सकता है। ऐसी रिलेशनशिप one to one relationship कहलाती है
One to one relationship
2.One to many relationship:-one to many relationship में दो entities के मध्य एक से अधिक relationship हो सकती है जैसे एक कोर्स में बहुत से छात्र पंजीकृत हो सकते है
One to many relationship
3.Many to many relationship:- Many to many relationship मे दो entities के मध्य एक से अधिक relationship हो सकती है। जैसे एक आईटम को बहुत से लोग खरीद सकते है। या एक विद्यार्थी एक विद्यालय मे अनेक कोर्स ले सकता है।
Create a table in MS Access (एम एस एक्सेस में टेबल का निर्माण करना)
MS Access मे डाटा को स्टोर करने के लिये टेबिल का निर्माण करना होता है। टेबिल डाटाबेस फाईल के अंदर हेाती है। एक डाटाबेस फाईल के अंदर एक से अधिक टेबिल हो सकती है। टेबिल का निर्माण रो एवं काॅलम से मिलकर हेाता है। फील्ड मे डाटा टाईप को सेट किया जाता है।
First step-
Go to file menu→ new→ click on blank database→ insert file name→ click on create button
Second step-
select table object इसमे तीन प्रकार से टेबिल को बनाया जा सकता है।
1.create a table in design view:-
इसमे टेबिल को यूजर के द्वारा डिजाइन किया जाता है। इसमे फील्ड का नाम देते है। और उसके डाटा टाईप को सिलेक्ट करते है और उस फील्ड की प्रॉपर्टी को सेट करते है।
Design view मे चार प्रकार से जा सकते है।
1. डिजाईन व्यू आप्शन पर डबल क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
2. सिलेक्ट करके Design Button पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
3. Right click on design view → design view मे जा सकते है।
4. Open Option पर क्लिक करके Design view मे जा सकते है।
2. create table by using wizard-
इससे टेबिल के structure को आसानी से कम समय मे तैयार किया जा सकता है। इसमे बने बनाये फील्ड हेाते है। जिसको सिलेक्ट करके न्यू टेबल मे transfer करते हैै। उसको रिनेम किया जा सकता है। आवश्यकता के अनुसार फील्ड को transfer करते है। और next button पर क्लिक कर सकते है। दूसरे डायलाॅग बाक्स मे टेबिल का नाम देते है। और primary key केा सेट करना है। या नही इसके बाद next button पर क्लिक करते है। तीसरे डायलाॅग बाक्स मे यह निर्धारित किया जाता है। कि नई टेबल को किस व्यू मे देखना है।
3. Create table by using entering data- इसकी सहायता से सरलता से टेबिल को तैयार किया जाता है। इसमे डाटा सीट के फील्ड पर राईट क्लिक करके रिनेम किया जाता है। इसके बाद टेबिल को सेव किया जाता है।
Data Type of MS Access
डाटा की प्रकृति के आधार पर डाटा कई प्रकार का होता है। एम एस एक्सेस मे डाटा टाईप निम्न प्रकार के होते है।
Text – इस प्रकार के डाटा मे (mathematical calculation) गणितीये गणनायें नही की जा सकती है। इसकी रेंज 0 To 255 अक्षर की होती है। अर्थात इस डाटा टाईप के फील्ड मे अधिकतम 255 अक्षर लिखे जा सकते है। उदाहरण- name, city, address etc.
Number – इस प्रकार के डाटा मे (mathematical calculation) गणितीये गणनायें की जा सकती है। इसके फील्ड मे नंबर को स्टोर किया जाता है। इसको निम्न भागो मे बाॅटा गया है। जैसे Mark, Principle (मूल्य घन), Rate (दर), Time (समय) etc.
Date and Time – इसमे डेट एवं समय को स्टोर किया जाता है। इसके निम्न प्रकार के फार्मेट हेाते है।
Currency – इस प्रकार के डाटा मे करंसी ,पैसा केा स्टोर किया जाता है। इसमे गणतीये गणनाये भी कर सकते है। प्रत्येक देश की अपनी करेंसी होती है। एवं उसका एक चिन्ह होता है। जैसे.4500, 520000 etc.
Memo – यह एक विशेष प्रकार का डाटा टाईप है। इसके टैक्ट को स्टोर करने की कोई सीमा नही होती है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब किसी के बारे मे ज्यादा जानकारी स्टोर करनी हो।
Currency – इस प्रकार के फील्ड मे वेव साईट या मेल आईडी को स्टोर किया जाता है।
OLE Object – इसका पूरा नाम Object linking embedding है। इसके किसी भी फाईल को लिंक कराया जा सकता है। जिस पर क्लिक करके खोला जा सकता है।
OLE object मे लिंक करना.
Insert menu→ Object→ Insert object dialog box→ create form file→ select file→ ok
Logical – इसमे लाॅजिकल डाटा को स्टोर किया जाता है। जिसके केवल दो आॅपशन होते है।
Yes/No
True/false
No/Off
Auto number- इस डाटा टाईप से सीरियल नंबर अपने आप आते है। इसका प्रयेाग सीरियल नंबर को स्टोर करने के लिये किया जाता है।


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